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राहुल गांधी सावधान रहें

अर्जुन सिंह जैसे लोगों से सावधान रहें राहुल गांधी, जो उन्हें प्रधानमंत्री पद के योग्य बता कर चाटुकारिता की सीमाएं लांघ रहे हैं। अर्जुन सिंह का कहना है कि राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहिए क्योंकि उनमें इस पद के लिए सभी योग्यताएं हैं। ऎसा कह कर न सिर्फ अर्जुन सिंह वर्तमान प्रधानमंत्री और अपनी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता, मनमोहन सिंह का अपमान कर रहे हैं बल्कि वे छिपी कोशिश कर रहे हैं राहुल गांधी को सत्ता लोलुप साबित करने की और उनके तथा मनमोहन सिंह के बीच दरार पैदा करने की। शायद अर्जुन सिंह को यह बात रास नहीं आती कि उनके जैसे “वरिष्ठ” ( और प्रधानमंत्री बनने की मह्त्वाकांक्षा रखने वाले) नेता के मौजूद रहते, सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को कैसे प्रधानमंत्री पद सौंप दिया। अपनी यही खुन्नस वे मनमोहन सिंह का अप्रत्यक्ष अपमान कर के निकाल रहे हैं। अगर सोनिया सोनिया गांधी प्रधामनंत्री होतीं तो अर्जुन सिंह की हिम्मत होती यह कहने की, कि अगला प्रधानमंत्री राहुल को बनाना चाहिए? अगर अर्जुन सिंह सच में राहुल गांधी को प्रतिभाशाली मानते हैं तो यह कह कर दिखाएं कि अगला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को

“सरकार राज” में ये देखा आपने?

हिन्दी फिल्मों में तथ्यात्मक गलतियां वैसे ही स्वाभाविक हैं जैसे वर्षा ऋतु में पानी गिरना। और उसी गति से होती हैं ये गलतियां। लेकिन “सरकार राज” ने शायद नया रेकॉर्ड बनाया। 1. फिल्म के एक दृश्य में सरकार के घर के बाहर बम विस्फोट होता है। उसके अगले दृश्य में कुछ लोग खबर सुन रहे होते हैं जिसमें कहा जाता है कि “सरकार की पत्नी और बहू की बम विस्फोट में दर्दनाक मौत हो गई।”लेकिन अगले ही दृश्य में (बल्कि बाकी पूरी फिल्म में भी) सरकार की पत्नी उनके साथ मौजूद होती हैं! यह क्या माजरा था? 2. शंकर नागरे ( अभिषेक बच्चन) को फिल्म में कई गोलियां मारी जाती हैं, सारी की सारी छाती में। लेकिन अस्पताल में डॉक्टर कहता है, “शंकर का स्पाइनल कॉर्ड ( रीढ की हड्डी) बुरी तरह “डैमेज” हो गया है।” भई हमें तो यही पता है कि रीढ़ की हड्डी पीठ में होती है, छाती में नहीं। और जो गोलियां शंकर को लगते हुए दिखाई गई हैं वे भी सारी दाएं और बाएं ओर लगती हैं, शरीर के बीचों-बीच नहीं, कि कहा जा सके गोली सामने से लग कर पीछे तक नुकसान कर गईं। शायद रामू का यह किरदार इतना बहादुर था कि उसकी रीढ की हड्डी भी पीठ में नहीं, सामने थी  और हां,

आज का चुटकुला

भारत के मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह ने कहा है कि “संवैधानिक परिभाषा के मुताबिक मुस्लिमों को पिछ्ड़ेपन के आधार पर आरक्षण दिया जा सकता है।” क्यों न सबसे पहले मानव संसाधन मंत्रालय की कुर्सी उनके लिये आरक्षित कर दी जाये?

क्या सचिन से जलते हैं धोनी?

सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए पहले फाइनल में सचिन ने 117 रनों की जो नाबाद पारी खेली, उसकी महानता हर देखने वाला जानता है। मैच के बाद जब सचिन का इंटरव्यू लिया गया तो सचिन ने अपने बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में नए खिलाड़ी रोहित शर्मा की प्रशंसा के पुल बांध दिए। यह सचिन का बड़प्पन है और टीम के प्रति उनका स्नेह है कि वे बखूबी समझते हैं कि नए खिलाड़ियों को कैसे बढ़ावा दिया जाए, कि कैसे अपनी महानता की छाया से उनके अच्छे प्रदर्शन को धुंधला न होने दिया जाए। और दूसरी तरफ हैं एक दिवसीय टीम के कप्तान धोनी। जब उनसे सचिन की पारी के बारे में पूछा गया तो टाल-मटोल भरे अंदाज में दो-चार बातें बोलने के बाद धोनी ने कहा “लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि अभी दो मैच और बाकी हैं।”तो धोनी यह कहना चाहते थे कि एक मैच में खेल लिया तो क्या, अगले दो मैचों में भी अच्छा खेलें सचिन तो जाने?ऎसी टिप्पणी करना धोनी का छोटापन था, दिल की जलन थी। धोनी शायद नहीं सहन कर पाते हैं कि उनके अलावा और कोई प्रशंसा का पात्र न बने, कोई और भारतीय क्रिकेट टीम का सिरमौर बने। इसीलिए पहले उन्होंने सौरव गांगुली को टीम से निकलवाया और फिर