विजय शंकर वाजपेयी सरीखे विप्लवी व्यक्तित्व ने 'काल' के समक्ष इतना शांत और मौन समर्पण इतनी सहजता के साथ कैसे कर दिया? यह प्रश्न जीवन भर विचलित करता रहेगा। संयोग से उनके जीवन के अत्यंत विषम और कठिन दौर में उनके घनिष्ठ सम्पर्क उनके असीम स्नेह के वटवृक्ष की विलक्षण छाया का परम सौभाग्य प्राप्त करने वाले कुछ सौभाग्य शाली पत्रकार पथिकों में से एक मैं भी रहा हूं। राष्ट्रप्रेम की प्रचण्ड आग में दहकते उनके असाधारण व्यक्तित्व में सिमटा उनका अपार सौन्दर्य उनके अर्न्त की अग्नि से सदा दमकता रहता था। व्यक्ति को आरपार भेद जाने वाली उनका तीखी दृष्टि उनके भीतर सदा खौलते रहने वाले वैचारिक तेजाब का ही प्रतिनिधित्व करती थीं। सच कहने, उस पर अड़े रहने और उसके लिए कोई भी मूल्य चुकाने को आतुर रहने की उनकी पूजनीय प्रवृत्ति के एक उदाहरण का उल्लेख यहां करना चाहूंगा। राष्ट्रद्रोहियों के खिलाफ 'विचार मीमांसा' द्वारा बरसाए जाने वाले कहर से तिलमिला उठे थे आतंकी विषधर। परिणाम स्वरूप उन्हें जून 2006 में सिमी की तरफ से एक पत्र मध्यप्रदेश के रतलाम जिले से भेजा गया था। इस पत्र में उन्हें सुधर जाने का सुझाव ...
अर्जुन सिंह जैसे लोगों से सावधान रहें राहुल गांधी, जो उन्हें प्रधानमंत्री पद के योग्य बता कर चाटुकारिता की सीमाएं लांघ रहे हैं। अर्जुन सिंह का कहना है कि राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहिए क्योंकि उनमें इस पद के लिए सभी योग्यताएं हैं। ऎसा कह कर न सिर्फ अर्जुन सिंह वर्तमान प्रधानमंत्री और अपनी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता, मनमोहन सिंह का अपमान कर रहे हैं बल्कि वे छिपी कोशिश कर रहे हैं राहुल गांधी को सत्ता लोलुप साबित करने की और उनके तथा मनमोहन सिंह के बीच दरार पैदा करने की। शायद अर्जुन सिंह को यह बात रास नहीं आती कि उनके जैसे “वरिष्ठ” ( और प्रधानमंत्री बनने की मह्त्वाकांक्षा रखने वाले) नेता के मौजूद रहते, सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को कैसे प्रधानमंत्री पद सौंप दिया। अपनी यही खुन्नस वे मनमोहन सिंह का अप्रत्यक्ष अपमान कर के निकाल रहे हैं। अगर सोनिया सोनिया गांधी प्रधामनंत्री होतीं तो अर्जुन सिंह की हिम्मत होती यह कहने की, कि अगला प्रधानमंत्री राहुल को बनाना चाहिए? अगर अर्जुन सिंह सच में राहुल गांधी को प्रतिभाशाली मानते हैं तो यह कह कर दिखाएं कि अगला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को...
अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि भारत के टी वी चैनल समाचार के नाम पर झूठ परोसने में सारी सीमाएं लांघते जा रहे हैं। ख़ास कर हिंदी टी वी चैनल। मुंबई की बारिश की ख़बरें सनसनीखेज़ बनाने के चक्कर में इन हिंदी चैनलों ने झूठी खबरों और तस्वीरों के जरिये मुंबई और बाक़ी जगहों में घबराहट फैला दी है। कुछ उदाहरण इन झूटी ख़बरों और तस्वीरों के- ! 1. “सहारा समय” ने मुंबई के उपनगर गोरेगांव की ख़बर दी और कहा कि वहां सड़कों पर 2-3 फुट पानी भर गया था। इस खबर के साथ तस्वीर दिखायी जा रही थी वहां से क़रीब 30 किलोमीटर दूर के इलाके, मरीन ड्राइव के समुद्री किनारे की जहां समंदर की ऊंची लहरें सड़क पर बौछार के रूप में गिर रही थीं। 2. “टाइम्स नाउ” ने भी उसी दिन दोपहर में मुंबई के लोअर परेल इलाके की सड़कों के वीडियो दिखाये। उस इलाके में पानी भरा हुआ था और वहां चल रहे ऑटोरिक्शा क़रीब आधा फुट पानी में डूबे हुए थे। मुंबई से परिचित कोई भी व्यक्ति जानता है कि लोअर परेल में ऑटोरिक्शा नहीं चलते, सिर्फ़ टैक्सियां चलती हैं। ऑटोरिक्शा सिर्फ़ उपनगरों में चलते और लोअर परेल उपनगर में नहीं शहर में आता है। जाहिर है कि वह वीडियो लो...
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